चुम्बक क्या है और यह कैसे काम करता है?

चुम्बक क्या है और यह कैसे काम करता है?

चुम्बक (Magnet) एक पत्थर या धातु है जो दूसरे चुम्बक या कुछ प्रकार के धातु जैसे (लोहा/Iron, कोबाल्ट/Cobalt, निकल/Nickel, इस्पात/Steel) को अपने तरफ खींच या अपने से दूर धकेल सकता है। चुम्बक के अपने तरफ खींचने और अपने से दूर धकलने की काबिलियत को ही हम चुम्बकत्व (Magnetism) कहते है। 

 

चुम्बक के प्रकार 

कुछ चुम्बक प्रकृति में पहले से ही पाए जाते है। इस प्रकार के चुम्बक एक निर्धारित बल (Force) ही लगा सकता है और कम शक्तिशाली होते है। ऐसे चुम्बक को हम प्राकृतिक चुम्बक (Natural Magnet) कहते है और कुछ चुम्बक को मनुष्य के द्वारा निर्माण किया जाता है और हम इन चुम्बक को अपने काम के हिसाब से बल और ताकत  (Force/Power) दे सकते है। इसे हम अपने हिसाब से कम शक्तिशाली या काफी ज्यादा शक्तिशाली बना सकते है। इस प्रकार के चुम्बक को हम कृतिम चुम्बक (Artificial Magnet) कहते है। 

चुम्बक कैसे काम करता है?

हर चुम्बक में उत्तर ध्रुव (North Pole) और दक्षिण ध्रुव (South Pole) होता है। दो एक ही प्रकार के ध्रुव एक दूसरे को प्रतिकर्षण यानि अपने से दूर धकेलते है और दो अलग प्रकार के ध्रुव एक दूसरे को आकर्षण यानि अपने तरफ लता है।

उत्तर ध्रुव (North Pole) + उत्तर ध्रुव (North Pole) = प्रतिकर्षण (Repel)

उत्तर ध्रुव (North Pole) + (South Pole) = आकर्षण (Attraction)

दक्षिण ध्रुव (South Pole) + दक्षिण ध्रुव (South Pole) = प्रतिकर्षण (Repel)

सभी मैगनेट का अपना एक Magnetic Field  होता है। Magnetic Field  चुम्बक के चारो तरफ का एक ऐसा इलाका होता है जहा चुम्बक अपना बल (Force) लगा सकते है। जैसे जैसे हम चुम्बक से दूर जाते है चुम्बक का Magnetic Field भी काम होता जाता है और एक दुरी के बाद चुम्बक का Magnetic Field ख़त्म  हो जाता है। चुम्बक तभी किसी धातु या चुम्बक को अपने तरफ खींच या अपने से दूर धकेल सकता है जब तक वो धातु या चुम्बक उस चुम्बक के Magnetic Field में मौजूद हो।   

विद्युत चुम्बक (Electromagnet) क्या है?

यह एक प्रकार का कृतिम चुम्बक (Artificial Magnet) है जिसे मनुस्य के द्वारा बनाया जाता है। इसको बनाने के लिए एक तार को किसी लोहे में लपेटा जाता है जिसे हम Coil भी कहते है और जब इसमने इलेक्ट्रिक करंट सप्लाई किया जाता है तब ये अपने आप चुम्बक की तरह व्यवहार करने लगता है हम इसका चुम्बकीय बल (Force) अपने हिसाब से कम या ज्यादा कर सकते है। यह चुम्बक तब तक ही काम करते है जब तक Coil में इलेक्ट्रिक करेंट सप्लाई हो रहा होता है। जैसे ही हम इलेक्ट्रिक करंट का सप्लाई बंद कर देते है Coil चुम्बक की तरह व्यवहार करना बंद कर देता है। 

Oersted का प्रयोग 

जब Oersted नाम के वैज्ञानिक इलेक्ट्रिक करंट के साथ कुछ प्रयोग कर रहे थे तब उन्होंने देखा की उनके सामने रखी हुई नेविगेशन कंपास का काटा हिलने लगा। वह यह सब देख कर चकित रह गए क्योंकि उनके आस पास कोई भी चुम्बक नहीं रखा था। जब उन्होंने इनकी और खोज करनी सूरी की तो पाया की ये कंपास तभी हिल रहा था जब उसके सामने राखी हुई तार (Loop Wire) से इलेक्ट्रिक करंट या इलेक्ट्रिक चार्ज  का प्रवाह हो रहा था। पर जैसे ही वह उस तार का इलेक्ट्रिक करंट का प्रवाह बंद कर देते थे तब कंपास का कटा हरकते करना बंद कर देता था। इसी से उन्होंने बताया की कंपास का कटा का हिलना तभी संभव है जब उसके सामने कोई चुम्बक रखी हो यानि जब इलेक्ट्रिक चार्ज या इलेक्ट्रिक करंट का प्रवाह होता है तब वह अपने आस पास Magnetic Field बनता है और जैसे ही हम इलेक्ट्रिक चार्ज या इलेक्ट्रिक करंट के प्रवाह को रोकते है वह Magnetic Field  नहीं बन पता है। यही कारण है की कंपास का कटा तभी हिलता है जब किसी तार (Loop Wire) से इलेक्ट्रिक चार्ज या इलेक्ट्रिक करंट का प्रवाह हो रहा होता है। और जैसे ही हम उस इलेक्ट्रिक चार्ज या इलेक्ट्रिक करंट को रोकते है कंपास भी हरकते करना बंद कर देता है। इससे हमें यह पता चलता है की Electricity और Magnetism एक दूसरे से संभंधित है।

Electric Field और Magnetic Field

इलेक्ट्रिक चार्ज के चारो तरफ का इलाका जहा तक वह दूसरे किसी चार्ज पार्टिकल को अपने पास खींच या अपने से दूर धकेल सकता है हम उसे Electric Field कहते है और चुम्बक का चारो तरफ का इलाका जहा तक वह दूसरे किसी चुम्बक या धातु को अपने पास खींच या अपने से दूर धकेल सकता है हम उसे Magnetic Field कहते है।

Michael Faraday’s का प्रयोग

Oersted के प्रयोग के कुछ ही साल बाद Michael Faraday नाम के वैज्ञानिक ने प्रयोग के दौरान पाया की इलेक्ट्रिक चार्ज या इलेक्ट्रिक करंट का प्रवाह से Magnetic Field  तो बनता है पर इसके साथ ही इसका उल्टा भी होता है यानि Magnetic Field से भी इलेक्ट्रिक करंट का उत्पन होता है। Magnetic Field जिस प्रक्रिया से इलेक्ट्रिक करंट का उत्पन करता है उसे हम Electromagnetic Induction कहते है। Magnetic Field से इलेक्ट्रिक करंट तब उत्पन होता है जब तर (Wire) किसी चुम्बक के साथ साथ हिल रहा होता है। 

हमें Oersted और Michael Faraday के प्रयोग से यह पता चलता है की:

  1. जब इलेक्ट्रिक चार्ज या इलेक्ट्रिक करंट का प्रवाह हो रहा होता है तब उस प्रवाह के कारण उसके चारो तरफ  Magnetic Field बनता है।  यानि जिस भी तार (Wire) में इलेक्ट्रिक चार्ज या इलेक्ट्रिक करंट का प्रवाह हो रहा होता है वह चुम्बक की तरह व्यवहार करता है।
  2. जब एक तार (Wire) चुम्बक के साथ साथ हिल या Move कर रहा होता है तब उस तार में इलेक्ट्रिक करंट आ जता है। 

यानि जब Electric Field  में बदलाव आता है  तब वह Magnetic Field बनता है और जब Magnetic Field में बदलाव आता है तब वह Electric Field बनत है। Electric Field और  Magnetic Field  में बदलाव तब आता है जब  वह हिल या Move कर रहे होते है।  

 

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