ब्लैक होल (Black Hole) क्या है?
ब्लैक होल स्पेस में मौजूद ऐसा बस्तु है जिसमे गुरुत्वाकर्षण का बल काफी मजबूत होता है। गुरुत्वाकर्षण का ये बल इतना शक्तिशाली होता है की इसमें से लाइट की किरणे भी नहीं आ सकती।
ब्लैक होल तब बनता है जब कोई ज्यादा मास वाला बस्तु एक छोटे से जगह में सिकुड़ जाता है। ऐसा तब होता है जब एक बड़ा तारा में मौजूद ईंधन ख़तम हो जाता है और तारा अपने आखिरी समय में होता है। जब तारा में मौजूद सभी ईंधन ख़तम हो जाता है तब उस तारा के मध्य में तापमान काम हो जाता है और बहार की तरफ लगने वाला प्रेशर भी काम हो जाता है। जिसके कारण गुरुत्वाकर्षण का बल हावी हो जाता है और तारा सिकुड़ने लग जाता है सिकुड़ने के दौरान तारा में सुपरनोवा (Supernova) या बिस्फोट भी होता है और और तारा ब्लैक होल बन जाता है।
क्या हम ब्लैक होल को देख सकते है?
नहीं, हम ब्लैक होल को नहीं देख सकते क्युकी उसमे इतना ज्यादा गुरुत्वाकर्षण होता है की उसमे से लाइट की किरणे भी नहीं आ सकती। पर कुछ उपकरण के माध्यम से हम उस ब्लैक होल के प्रभाव को देख सकते है।
क्या सभी तारे ईंधन ख़तम होने के बाद ब्लैक होल बन जाते है?
नहीं, सभी तारे ईंधन ख़तम होने के बाद ब्लैक होल नहीं बनते बस वही तारे ब्लैक होल बनते है जो काफी बड़े हो। हमारा सूर्य भी एक तारा है पर ये कभी भी ब्लैक होल नहीं बन सकता क्युकी ब्लैक होल बनने के लिए जितना मास की जरुरत है उतना मास सूर्य के बॉस नहीं है।