सुपरनोवा क्या है?
एक बड़ा तारा (Star) के बिस्फोट को ही हम सुपरनोवा कहते है। दूसरे सब्द में सुपरनोवा एक विशाल विस्फोट है जिसमें एक पूरा तारा नष्ट हो जाता है। इस बिस्फोट के बाद काफी तेज़ लाइट रिलीज़ होता है जिसे हम कई अरब लाइट इयर्स दूर से भी देख सकते है। ये बिस्फोट कई हफ्तों और महीनो तक चलता है।
तारा में सुपरनोवा या बिस्फोट क्यों होता है?
जब एक बड़ा और भरी तारा अपने आखरी समय में होता है यानि उसमे मौजूद ईंधन ख़तम होने के कगार में होता है तब उसके भीतरी हिस्से में तापमान काम हो जाता है जिसके कारण प्रेशर भी काम हो जाता है। ये वही प्रेशर होता है जो एक तारे को सिकुड़ने से रोकता है। जैसे ही एक तारे के मध्य में प्रेशर कम हो जाता है वैसे ही गुरुत्वाकर्षण का बल हावी हो जाता है जो एक तारे को छोटे से हिस्से में सिकुड़ना चाहता है। इसे आसान सब्द में कहे तोह जब एक विशाल तारे का ईंधन खत्म हो जाता है, तो वह ठंडा हो जाता है। इससे प्रेशर कम हो जाता है। जिससे गुरुत्वाकर्षण उस प्रेशर पर भरी पड़ जाता है , और तारा अचानक सिकुड़ जाता है। तारा के इतने जल्दी सिकुड़ने के कारण एक भयानक बिस्फोट होता है जिसे हम सुपरनोवा कहते है।