आसमान नीला क्यों होता है?
आसमान नीला इसलिए होता है क्योंकि सूर्य की किरणे कई रंगो से मिलकर बानी होती है और जब ये किरणे हमरे पृथ्वी के वातावरण या वायुमंडल (Atmosphere) में प्रवेश करती है तब वायुमंडल में मौजूद गैस और धूल के छोटे छोटे कणो से टकराती है। तब जिन रंगो का wavelength (तरंगदैर्घ्य) बड़ा होता है वो तो बायुमण्डल को आसानी से पार कर जाती है पर जिन रंगो का Wavelength छोटा होता है जैसे नीला रंग वो इन गैस और धूल के छोटे छोटे कणो से टकराने के बाद बिखर जाती है। यही कारण है की हमें आसमान नीला नजर आता है।
रंग (Color) | Wavelength (तरंगदैर्घ्य) |
Red (लाल) | 652–740 nm |
Orange (नारंगी) | 690–625 nm |
Yellow (पीला) | 565–590 nm |
Green (हरा) | 520–565 nm |
Blue (नीला) | 445–520 nm |
Indigo (जामुनी) | 425–445 nm |
Violet (बैंगनी) | 380–425 nm |
हमें आसमान बैंगनी (Violet) क्यों नज़र नहीं आता?
बैंगनी (Violet) रंग का Wavelength (तरंगदैर्घ्य) सबसे छोटा होने के बावजूद भी हमें आसमान बैंगनी (Violet) इसलिए नज़र नहीं आता है क्योंकि सूर्य बैंगनी (Violet) रंग बहुत काम छोड़ता है इसके साथ ही हमरी आंखे भी नीला रंग के तरफ ज्यादा संवेदनशील होती है।