क्या विराट कोहली तोड़ पायेंगे सचिन तेंदुलकर के 100 अंतरराष्ट्रीय सतक का रिकॉर्ड?

क्या विराट कोहली तोड़ पायेंगे सचिन तेंदुलकर के 100 अंतरराष्ट्रीय सतक का रिकॉर्ड?

विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर भारतीय क्रिकेट इतिहास के दो ऐसे नाम जिन्होंने लम्बे समय तक क्रिकेट के दुन्या में धूम मचाई है और इन दोनों ही बल्लेबाज़ों के नाम अनगिनत रिकार्ड्स है।

पर सचिन तेंदुलकर के पास एक एशिया रिकॉर्ड है जिससे तोड़ना नामुमकिन के करीब ही लगता है और वह रिकॉर्ड है अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 सतक लगाने का रिकॉर्ड।

क्या विराट कोहली तोड़ पायेंगे सचिन तेंदुलकर के 100 अंतरराष्ट्रीय सतक का रिकॉर्ड?

कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स की मने तो सचिन तेंदुलकर के इस रिकॉर्ड को तोड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन के करीब है। सचिन तेंदुलकर ने अपने 25 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कुल 200 टेस्ट, 463 ODI और 1 T20i खेले है जिसमे उन्होंने 200 टेस्ट में 51 सतक लगाए है और 463 ODI में 49 सतक लगाए है जिसमे  एक दोहरा भी शामिल है। यानि की सचनि में अपने पुरे अंतरराष्ट्रीय करियर में 100 सतक लगाए है।

अगर हम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा सतक लगाने की सूचि देखे तो उनमे कुछ यह नाम शामिल है:

  1. सचिन तेंदुलकर – 100 अंतरराष्ट्रीय सतक। 
  2. विराट कोहली –  76  अंतरराष्ट्रीय सतक। 
  3. रिस्की पोंटिंग – 71 अंतरराष्ट्रीय सतक। 
  4. कुमार संगक्कारा  – 63 अंतरराष्ट्रीय सतक। 
  5. जैक्वेस कल्लिस – 62 अंतरराष्ट्रीय सतक। 
  6. हाशिम अमला  – 55 अंतरराष्ट्रीय सतक। 
  7. महिला जयवर्दने  – 54 अंतरराष्ट्रीय सतक। 
  8. ब्रायन लारा  – 53 अंतरराष्ट्रीय सतक। 
  9. राहुल  द्रविड़  – 48 अंतरराष्ट्रीय सतक। 
  10. एबी डी विलियर्स – 47 अंतरराष्ट्रीय सतक। 

अगर हम इस सूचि को ध्यान से देखे तोह यहाँ हमें एक ही ऐसा क्रिकेटर नजर आता है जो अभी भी खेल रहा है और सचिन तेंदुलकर के 100 अंतरराष्ट्रीय सतक के करीब है और वह नाम है विराट कोहली।

विराट कोहली  ने अपने करियर में अभी तक 111 टेस्ट, 275 ODI, और 115 T20i खेले है जिसमे उन्होंने 111 टेस्ट में 29 अंतरराष्ट्रीय सतक, 275 ODI में 46 अंतरराष्ट्रीय सतक और 115 T20i में 1 अंतरराष्ट्रीय सतक लगाए है। यानि की कुल अभी तक विराट कोहली के नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 76 सतक है।  विराट कोहली अभी महज 34 साल के है और वह अगर भारत के लिए 4-5 साल और खेलते है तब वह सचिन तेंदुलकर के 100 अंतरराष्ट्रीय सतक का रिकार्ड्स तोड़ सकते है। पर यह बिलकुल भी आसान नहीं होने वाला क्योकि बढ़ती उम्र के साथ रिफ्लेक्सेस भी स्लो हो जाते है और अपने फॉर्म को बरक़रार रखना भी बिलकुल आसान नहीं होता। 

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